बैक्ट्रीयन या भारतीय यूनानी - आक्रमण तथा प्रभाव - प्राचीन भारतीय इतिहास नोट्स पीडीएफ

बैक्ट्रीयन या भारतीय यूनानी - आक्रमण तथा प्रभाव - प्राचीन भारतीय इतिहास नोट्स पीडीएफ 


बैक्ट्रीयन / भारतीय यूनानी

➤323 ई . पू . में सिकन्दर की मृत्यु के पश्चात कई यूनानी भारत के उत्तरी पश्चिमी सीमान्त क्षेत्र बैक्ट्रीया ( हिन्दुकुश पर्वत का उत्तर पश्चिम क्षेत्र , वर्तमान उत्तर अफगानिस्तान ) को महत्त्वपूर्ण केंद्र बनाकर वहाँ निवास करने आ बसे । 
➤अपने यूनानी उच्चारण की वज़ह से बैक्ट्रीया के शासक बैक्ट्रीया - यूनानी कहलाए । 
➤ऊपर वर्णित भारतीय यूनानी शासक डेमीट्रियस का पुष्यमित्र के साथ संघर्ष हुआ । 
➤सर्वाधिक सफल भारतीय- यूनानी शासक मेनेन्दर या जिसके साम्राज्य में सम्भवतः उत्तरी अफगानिस्तान तथा सिंधु नदी का पूर्वी क्षेत्र गंधार भी सम्मलित थे । 
➤प्रसिद्ध बौद्ध ग्रन्थ मिलिन्दपन्हो में उसका परिचय मिलिन्द के रूप में दिया गया है जिसमें मिलिन्द द्वारा ग्रन्थ के बौद्ध लेखक महाराज नागसेन से पूछे गए सवाल हैं । 
➤इससे हमें जानकारी मिलती है कि दिए गए उत्तरों से प्रभावित होकर राजा ने बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया था । 
➤माना जाता है कि मेनेन्दर ने 155 ई.पू. से 130 ई.पू. तक शासन किया ।


Also Read 👇👇🔥


हड़प्पा सभ्यता

Click here


हड़प्पा सभ्यता का क्षेत्रीय विस्तार


सिंधु सभ्यता के प्रमुख स्थल : नदी, उत्खननकर्ता एवं वर्तमान स्थित


नगर योजना तथा लेखन कला


सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक तथा धार्मिक जीवन   


हड़प्पा सभ्यता के महत्त्वपूर्ण प्रमाण और सम्बद्ध स्थल, हड़प्पा सभ्यता से मिले साक्ष्य 

हड़प्पा सभ्यता का पतन

Click here




Post a Comment

Previous Post Next Post