मांग की कीमत लोच Price Elasticity of Demand Notes in Hindi

मांग की कीमत लोच (Price Elasticity of Demand) : प्रकार तथा विधियां Notes in Hindi.


Table of Contents 👇🏻👇🏻

मांग की लोच (Elasticity of Demand)

➤वस्तु की कीमत में परिवर्तन के फल स्वरुप उसकी मांग मात्रा कितनी बदलती है, इसे मांग की लोच बताता है।
➤मांग को लोच का आर्थिक सिद्धांत तथा व्यवहारिक अर्थशास्त्र में बहुत महत्व है।

मांग के मूल्य लोच के निर्धारक तत्व -

1. स्थानापन्नो की संख्या तथा प्रकृति।
2. उपभोक्ता के बजट में एक वस्तु का महत्व।
3. वस्तु के उपयोगो की संख्या।
4. वस्तुओं के मध्य पूरकता।
5. समय तथा मूल्य लोच।

मांग की लोच के प्रकार -

  1. मूल्य लोच (Price Elasticity).
  2. आय लोच (Income Elasticity).
  3. प्रति लोच (Cross Elasticity).
  4. प्रतिस्थापन लोच (Elasticity of Substitution).
➤   (मांग की लोच का मुख्यतः तीन भागों को ही माना जाता हैं।)


💐मांग की कीमत (मूल्य) लोच💐

➤वस्तु की कीमत में परिवर्तन के फलस्वरूप वस्तु की मांग मात्रा में परिवर्तनशीलता अथवा संवेदनशीलता को दर्शाती है जबकि उपभोक्ता की आय, रुचि व अधिमान स्थिर होता है।
➤मांग की मूल्य लोच कोश वस्तु की कीमत में सापेक्ष परिवर्तन के फलस्वरूप उसकी मांग मात्रा में सापेक्ष परिवर्तन है।

मांग की कीमत लोच मापने की विधियां -

A. प्रतिशत / आनुपातिक विधि द्वारा मूल्य लोच की माप :-🔥

कीमत लोच के प्रकार -

( i ) पूर्णतया बेलोचदार माँग ( Ed = 0 ) : 
➤इसका माप शून्य के बराबर होता है । 
➤जब वस्तु की कीमत में परिवर्तन होने पर मांग में कोई परिवर्तन नहीं होता है।

Price - ⬇️⬆️ ➡️ Demand = 0

( ii ) बेलोचदार माँग ( 0 < Ed < 1 ) : 
➤इसे इकाई से कम लोचदार माँग भी कहते है | इसका माप 0 से अधिक और 1 से कम होता है ।
➤जब कीमत में परिवर्तन के कारण माँगी गयी मात्रा में अनुपातिक परिवर्तन अपेक्षा से कम होता है तो माँग कम लोचदार या बेलोचदार होता है | 

मांग में परिवर्तन < कीमत में परिवर्तन
D < P

( iii ) इकाई लोचदार माँग ( Ed = 1 ) : 
➤इस माँग की माप 1 इकाई के बराबर होता है । 
➤जब माँग में प्रतिशत परिवर्तन , कीमत में प्रतिशत परिवर्तन के बराबर होता है तो वस्तु की माँग इकाई लोचदार कहलाती है । 
मांग में परिवर्तन = कीमत में परिवर्तन
 D = P

( iv ) लोचदार ( इकाई से अधिक लोचदार ) माँग ( Ed >1 ) : 
➤इसका अनुपातिक माप 1 से अधिक होता है | 
➤जब कीमत में हल्का परिवर्तन होने से माँग में कीमत की तुलना में अधिक अनुपातिक परिवर्तन होता है तो लोचदार माँग की स्थिति उत्पन्न होती है | 
➤उदहारण : विलासिता की वस्तुएँ : महँगी कार , आभूषण , पाँच सितारा होटल में भोजन इत्यादि | 

मांग में परिवर्तन > कीमत में परिवर्तन


( v ) पूर्णतया लोचदार माँग :  
➤इस अवस्था में माँग की लोच अनंत होती है | 
➤जब किसी वस्तु के कीमत में परिवर्तन हुए बिना जब माँग में कमी या वृद्धि होती है तो यह अवस्था पूर्णतया लोचदार होती है । 
Demand - ⬆️⬇️ ➡️ Price = 0



B. कुल व्यय विधि :🔥

➤किसी वस्तु की कीमत में परिवर्तन के फलस्वरूप उस पर किए गए व्यय में परिवर्तन को उस वस्तु की मूल्य लोच कहते है।
➤कुल व्यय विधि द्वारा इकाई के बराबर, इकाई से कम तथा इकाई से अधिक मूल्य लोच को ज्ञात किया जा सकता है।

                    

कीमत लोचके प्रकार -

(1). इकाई लोच - 
➤जब किसी वस्तु की कीमत के बदलने पर मांग मात्रा में इतना परिवर्तन होता है की उस पर कुल व्यय समान रहता है तो मूल्य लोच इकाई के बराबर होता है।
➤यदि मांग मात्रा में प्रतिशत परिवर्तन कीमत में प्रतिशत परिवर्तन के बराबर होता है तो मूल्य लोच इकाई के बराबर होती है।


(2). इकाई से अधिक लोच - 
➤जब किसी वस्तु के कीमत के घटने पर उसकी मांग मात्रा इतनी बढ़ जाति है की उस पर किए गए कुल व्यय में वृद्धि होती है तो मांग की मूल्य लोच इकाई से अधिक होता है।
➤जब वस्तु की कीमत बढ़ने पर कुल व्यय में कमी होती है तो मूल्य लोच इकाई से अधिक होती है।



(3). इकाई से कम लोच - 
➤जब किसी वस्तु की कीमत के घटने से कुल व्यय में कमी होती है तो मूल्य लोच इकाई से कम होती है।
➤जब कीमत के बढ़ने पर कुल व्यय में वृद्धि होती है तो मांग की मूल्य लोच इकाई से कम होती है।

C. मध्य बिंदु विधि :🔥

➤यदि वस्तु की कीमत 4 रु. से बढ़कर 6 रु. हो जाती है तो वस्तु की मांग 120 इकाई से घटकर 80 इकाई हो जाती है।


D. ज्यामितीय विधि : (प्रो. मुरे) 🔥

(1). बिंदु प्रणाली / रेखागणितीय विधि - (प्रो. बोल्डी) :

➤इस विधि में माँग वक्र के विभिन्न बिन्दुओं पर माँग की कीमत लोच ज्ञात किया जाता है।
➤इसमें जिस बिंदु पर माँग की लोच ज्ञात करना होता है  उस बिंदु के निचले तथा ऊपरी भाग का अनुपात उस बिंदु का माँग लोच होता है । 
➤जिस बिंदु का माँग की लोच ( Ed ) ज्ञात करना हो उस बिंदु का निचला भाग को अंश और ऊपरी भाग को हर के रूप में लिखते हैं | 
➤इन दोनों का भागफल माँग की लोच होता है |
EP = निचला भाग / ऊपरी भाग
D. पूर्णतः लोचदार मांग -
निचला भाग / ऊपरी भाग
DD' / D = अनंत
Ed = अनंत

D'. पूर्णतः बेलोचदार मांग -
D' / DD' = 0
Ed = 0

L. बेलोचदार मांग -
LD' / LD = < 1
Ed < 1

R. इकाई लोचदार मांग -
RD' / RD = 1
Ed = 1

S. लोचदार मांग -
SD' / SD = >1
Ed > 1

(2). चाप प्रणाली / चाप लोच :

️➤जब मांग वक्र के दो अधिक दूरी के बिंदुओं के मध्य मूल्य लोच के माप करने के समय चाप प्रणाली का प्रयोग मूल्य लोच ज्ञात करने में किया जाता हैं।
➤इसमें प्रारंभिक तथा परिवर्तन के पश्चात की कीमतों का औसत , प्रारंभिक तथा परिवर्तन के पश्चात की मांग मात्राओं का औसत लिया जाता है।


E. मांग फलन :🔥

Q = a - bp
     जहां, 
Q = मांग
P = वस्तु की कीमत
a, b = स्थिरांक
     b = मांग वक्र की ढाल = ∆Q/∆P

मांग फलन = Q = 425 - 10p     (P=25 रु.)
Q = 425 - 10p
Q = 425 - 10×25
Q = 425 - 250
Q = 175
EP = 10(25/175)
     = 250/175
EP = 1.48


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