Returns to Scale Paimane ke Pratiphal - Avasthaen - Manyataen

पैमाने के प्रतिफल : विभिन्न अवस्थाएं तथा महत्व (Returns to Scale)


Table of Contents 👇🏻👇🏻



Returns to Scale (पैमाने के प्रतिफल)

पैमाने के प्रतिफल :🔥

➤इसमें सभी साधनों की बढ़ाया जा सकता है।

➤यह दीर्घकाल से संबंधित होता है।

पैमाने के प्रतिफल -

  1. पैमाने के स्थिर प्रतिफल
  2. पैमाने के वर्धमान प्रतिफल
  3. पैमाने के ह्रासमान प्रतिफल

पैमाने के स्थिर प्रतिफल :- यदि सभी साधनों को एक विशेष अनुपात में बढ़ाया जाए और फलस्वरूप उत्पादन भी उसी अनुपात में बढ़े तो इसे पैमाने के स्थिर प्रतिफल कहते है।

पैमाने के वर्धमान प्रतिफल :- यदि सभी साधनों को एक विशेष अनुपात में बढ़ाया जाए और फलस्वरूप उत्पादन में उससे अधिक अनुपात में बढ़े तो इसे पैमाने के वर्धमान (बढ़ते) प्रतिफल कहते है।

पैमाने के ह्रासमान प्रतिफल :- यदि सभी साधनों को एक विशेष अनुपात में बढ़ाया जाए और फलस्वरूप उत्पादन उससे कम अनुपात में बढ़े तो इसे पैमाने के ह्रासमान (घटते) प्रतिफल कहते है।

  • प्रथम अवस्था - पैमाने के वर्धमान प्रतिफल
  • द्वितीय अवस्था - पैमाने के स्थिर प्रतिफल
  • तृतीय अवस्था - पैमाने के ह्रासमान प्रतिफल


1. पैमाने के वर्धमान प्रतिफल :🔥

➤साधन की तुलना में उत्पादन में अधिक अनुपात में वृद्धि होता है।

➤पैमाना बढ़ाने पर श्रमिको में अधिक विशेषीकरण या श्रम विभाजन संभव होता है जिससे श्रमिको की उत्पादकता बढ़ जाती है।

➤उत्पादन के बड़े पैमाने पर तकनीकी दृष्टि से अधिक उन्नत तथा विशिष्ट प्रकार की मशीन का प्रयोग करना संभव एवं लाभकारी हो जाता है।

➤इस प्रतिफल में विभिन्न समोत्पाद वक्र मूल बिंदु से खींची गई रेखा पर घटती दूरी पर स्थित होता है।

2. पैमाने के स्थिर अथवा समान प्रतिफल :

➤विभिन्न समोत्पाद वक्रों के बीच की दूरी समान हो तो साधनों के एक अनुपात में बढ़ाने से उत्पादन में उसी अनुपात में वृद्धि होती है।

➤उद्योग का विस्तार करने पर स्थिर प्रतिफल प्राप्त होते है।

3. पैमाने के ह्रासमान प्रतिफल :

➤जब साधनों में वृद्धि की तुलना में उत्पादन में कम अनुपात से वृद्धि होती है तो पैमाने के घटते प्रतिफल प्राप्त होते हैं।

➤जब कोई फर्म साधनों की अधिक मात्रा प्रयोग करके अपने उत्पादन का विस्तार करती हैं तो अंततः घटते प्रतिफल प्राप्त होते हैं।

➤बड़े पैमाने पर उत्पादन में प्रबंध, समन्वय तथा नियंत्रण संबंधी बड़ी कठिनाइयों का उत्पन्न होना।

➤जब समोत्पाद वक्र मूल बिंदु से खींची गई रेखा पर बढ़ती दूरी पर स्थित होते है तो पैमाने के ह्रासमान प्रतिफल प्राप्त होते हैं।

विभिन्न पैमाने के प्रतिफल :🔥

  1. पैमाने के वर्धमान प्रतिफल - बिंदु A से C तक
  2. पैमाने के स्थिर प्रतिफल - बिंदु C से E तक
  3. पैमाने के ह्रासमान प्रतिफल - बिंदु E से G तक


पैमाने के प्रतिफल के मान्यताएं :-🔥

  1. सभी परिवर्तनशील साधनों का प्रयोग
  2. एक श्रमिक दिए हुए औजार तथा उपकरणों से काम करता है।
  3. प्रौद्योगिकीय परिवर्तन नहीं होता है।
  4. पूर्ण प्रतियोगिता की स्थिति।
  5. वस्तु मात्राओं में मापी जाती है मुद्रा में नहीं।



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