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सम लागत रेखा (Iso Cost Line) : समीकरण, ढाल, विवर्तन, लागत न्यूनतम तथा उत्पादन अधिकतम करना।

Table of Contents 👇🏻👇🏻


सम लागत रेखा (Iso Cost Line)


सम लागत रेखा (Iso Cost Line) :🔥

➤सम लागत रेखा उत्पादन साधनों की कीमतों तथा कुल व्यय जो उत्पादक साधन खरीदने पर करना चाहता है को प्रकट करता है।
➤दो साधनों के उन सभी संयोगों को प्रकट करती है जिनमे से प्रत्येक संयोग 300 रु. से खरीदा जा सकता है।
➤उत्पादक के पर दो साधन श्रम तथा पूंजी है।
➤उत्पादक के पास 300 रु. साधनों को खरीदने के लिए है।
➤श्रम की कीमत 4 रु.प्रति घंटा होने पर वह 75 इकाई खरीदता है।
➤पूंजी की कीमत 5 रु. प्रति घंटा होने पर वह 60 इकाई खरीदता है।


सम लागत रेखा की ढाल :
➤सम लागत रेखा की ढाल दो साधनों की कीमतों के अनुपात के बराबर होता है।

➤सम लागत रेखा का ढाल श्रम तथा पूंजी की कीमतों के अनुपात (w/r) के बराबर है।

सम लागत रेखा का समीकरण :
➤उत्पादक द्वारा वस्तु उत्पादन के लिए साधनों पर किया गया कुल लागत व्यय श्रम तथा पूंजी पर किए गए कुल भुगतान के योग के बराबर होगा।
कुल लागत व्यय = श्रम का भुगतान + पूंजी का भुगतान
➤श्रम के लिए किया गए कुल भुगतान श्रम की कीमत/मजदूरी (w) तथा खरीदी गई मात्रा (L) के गुणनफल के बराबर होता है।
कुल श्रम भुगतान = मजदूरी × मात्रा
                        = w × L
                        = wL
पूंजी के लिए किया गया भुगतान = पूंजी की कीमत × पूंजी की मात्रा
       कुल पूंजी भुगतान = r × K
                                 = rK
➤कुल लागत व्यय (C) = w•L + r•K
जहां,
C/r = Y अक्ष पर सम लागत रेखा का intercept
w/r = साधनों की कीमतों के अनुपात

सम लागत रेखा में विवरण :🔥

1. कुल लागत व्यय में परिवर्तन -
➤उत्पादक के कुल लागत व्यय में वृद्धि या कमी से सम लागत रेखा बदल जाती है।
➤कुल लागत रेखा ऊपर को विवर्तित होने से उत्पादक दोनो साधनों का अपेक्षाकृत अधिक मात्रा खरीद सकेगा।
➤कुल लागत रेखा नीचे को विवर्तित होने से उत्पादक दोनो साधनों का अपेक्षाकृत कम मात्रा खरीद सकेगा।
➤सम लागत रेखा AB की स्थिति में -
    4 रु.कीमत पर श्रम की 75 इकाई तथा 5 रु.कीमत पर पूंजी की 60 इकाई उत्पादक खरीदता है।
➤सम लागत रेखा A'B' की स्थिति में -
    4 रु.कीमत पर श्रम की 100 इकाई तथा 5 रु.कीमत पर पूंजी की 80 इकाई उत्पादक खरीदता है।

2. कीमत में परिवर्तन -
➤दो साधनों की कीमतों में परिवर्तन होने से भी सम लागत रेखा विवर्तित होती है।
➤कुल व्यय 300 रु है, श्रम की कीमत 4 रु तथा पूंजी की कीमत 5 रु है।
➤श्रम की कीमत घटकर 3 रु हो जाने से उत्पादक श्रम की 100 इकाइयां खरीदता है। सम लागत रेखा दाई ओर विवर्तित होगा।
➤श्रम की कीमत घटकर 6 रु हो जाने से उत्पादक श्रम की 50 इकाइयां खरीदता है। सम लागत रेखा बाई ओर विवर्तित होगा।
➤पूंजी की कीमत में कमी से सम लागत रेखा ऊपर की ओर तथा पूंजी की कीमत में वृद्धि से सम लागत रेखा नीचे की ओर विवर्तित होता है।

साधनों का अनुकूलतम (न्यूनतम लागत) संयोग :🔥

➤सम लागत वक्र साधनों पर किए जाने वाले कुल व्यय और साधनों की कीमतों के अनुपात को प्रकट करता है।
➤सम लागत रेखा दी गई है (AB,CD,EF,GH)।
➤समोत्पाद वक्र Q है जो 500 इकाई उत्पादन मात्रा को दर्शाता है।
➤एक उत्पादक समोत्पाद वक्र के बिंदु R,S,E,T,J पर उत्पादन कर सकता है।
➤उत्पादक उस बिंदु का चयन करता है जहां समोत्पाद वक्र सम लागत रेखा को स्पर्श करता है।
➤उत्पादक बिंदु E पर संतुलन में होता है।
➤बिंदु R का उत्पादन करने के लिए अधिक लागत लगेगा।
➤बिंदु E पर तकनीकी प्रतिस्थापन की सीमांत दर श्रम और पूंजी की कीमतों के अनुपात के बराबर है।
➤समोत्पाद वक्र की ढाल प्रतिस्थापन की सीमांत दर को प्रकट करती है।
➤सम लागत वक्र की ढाल साधनों की कीमतों के अनुपात को दर्शाती है।

     जहां, w = श्रम की मजदूरी दर
             r = पूंजी की कीमत
➤  तकनीकी प्रतिस्थापन की सीमांत दर (MRTS) दो साधनों के सीमांत भौतिक उत्पादों के अनुपात के बराबर होती है।
➤दो से अधिक साधन होने की स्थिति में लागत व्यय -
     जहां, MPD = भूमि का सीमांत उत्पाद
                t = भूमि की कीमत (लगान)

लागत व्यय की एक निर्दिष्ट मात्रा से उत्पादन अधिकतम करना :🔥

➤उत्पादक के पास 5000 रु कुल व्यय तथा दी हुई कीमतों से AB सम लागत रेखा प्राप्त होता है।
➤विभिन्न समोत्पाद वक्र दिए गए है जो उत्पादन के विभिन्न संयोगों को प्रकट करते है।
➤उत्पादक उस बिंदु पर उत्पादन करना चाहेगा जहां समोत्पाद वक्र सम लागत रेखा को स्पर्श करती है।
➤बिंदु E पर उत्पादक संतुलन में है जहां श्रम की ON तथा पूंजी की OH मात्रा का प्रयोग उत्पादन करने में करता है।




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