Isoquants Curves Visheshtaen - Manyataen - Theory of Production Notes in Hindi

समोत्पाद वक्र : मानचित्र, विशेषताएं, मान्यताएं ~ उत्पादन का सिद्धांत


Table of Contents 👇🏻👇🏻

समोत्पाद वक्र (Meaning of Isoquants)

समोत्पाद वक्र (Meaning of Isoquants) :🔥

➤दो साधनों के उन विभिन्न संयोगों को दर्शाता है जिनसे समान मात्रा में उत्पादन होता है।
➤समोत्पाद वक्र उत्पत्ति के किन्ही दो साधनों के उन विभिन्न संयोगों को प्रदर्शित करता है जिनसे उत्पादन की एक समान मात्रा प्राप्त की जा सकती है।
➤समोत्पद वक्र को उत्पादन अधिमान वक्र कहते है क्योंकि उपभोक्ता इस पर उदासीन होता है।
➤इसे समान उत्पादन वक्र भी कहते है। 


समोत्पाद मानचित्र :
➤जब विभिन्न समोत्पाद वक्र को एक साथ ग्राफ द्वारा दिखाया जाता है तो समोत्पाद मानचित्र प्राप्त होता है।
➤इससे यह पता लगे जा सकता है की ऊंचे समोत्पाद वक्र नीचे के समोत्पाद वक्र की तुलना में अधिक उत्पादन करता है।
तकनीकी प्रतिस्थापन की सीमांत दर (MRTS) :
➤उत्पादन की मात्रा स्थिर रहने की स्थिति में उत्पादन के किसी साधन विशेष को दूसरे साधन को प्रतिस्थापित करने की दर को तकनीकी प्रतिस्थापन की सीमांत दर कहते हैं।

समोत्पाद वक्र की ढाल :
➤समोत्पाद वक्र की ढाल प्रतिस्थापन की सीमांत दर के बराबर होता है।
➤सम उत्पाद वक्र के किसी बिंदु पर स्पर्श रेखा खींचकर उसकी ढाल ज्ञात की जा सकती हैं।

समोत्पाद वक्रों की विशेषताएं :🔥

1. समोत्पाद वक्र दाईं ओर नीचे को झुका होता है :
➤उत्पादन के एक साधन में वृद्धि तथा दूसरे साधन में कमी किए जाने के कारण समोत्पाद वक्र दाएं ओर नीचे को झुका होता है।
➤आर्थिक दृष्टि से उत्पादन के सामान्य अवस्था में साधनों का सीमांत उत्पादन धनात्मक होता है और इसके कारण समोत्पाद वक्र नीचे की ओर झुके होते हैं।

2.समोत्पाद वक्र एक दूसरे को नहीं काटते हैं :
➤उत्पादन की तकनीक स्थिर है।
➤Q1 के अनुसार बिंदु C पर उत्पादन 40 इकाई के बराबर होती है।
➤Q2 के अनुसार बिंदु C पर उत्पादन 60 इकाई के बराबर होती है।
➤अतः दो समोत्पाद वक्र एक दूसरे को नहीं काट सकते है।

3.समोत्पाद वक्र मूल बिंदु के प्रति उन्नतोदर होते है :
➤जैसे जैसे साधन K के स्थान पर L का प्रयोग बढ़ाया जाता है तो L द्वारा K की प्रतिस्थापन की सीमांत दर घटती है।
➤जब किसी साधन का प्रयोग किसी अन्य साधन के स्थान पर किया जाता है तो तकनीकी प्रतिस्थापन की सीमांत दर घटती है।


4.समोत्पाद वक्र के सामान उत्पादन प्रदान करने वाली वस्तुओं के संयोग को दर्शाती है।

5.ऊंचा समोत्पाद वक्र उच्च उत्पादन को दर्शाता है :
➤बिंदु P पर उत्पादन मात्रा OM तथा पूंजी ON है जिस समय उत्पादन मात्रा 100 इकाई है।
➤बिंदु P पर उत्पादन मात्रा OM तथा पूंजी ON है जिस समय उत्पादन 150 इकाई किया जाता है।

➤अतः ऊंचा समोत्पाद वक्र अधिक उत्पादन तथा नीचा समोत्पाद वक्र कम उत्पादन इकाई को दर्शाता है।

समोत्पाद वक्र की मान्यताएं :🔥

1.उत्पादन के दो साधन :
➤उत्पादन करने के लिए समोत्पाद वक्र में दो साधनों का प्रयोग किया जाता है।

2.स्थिर तकनीक :
➤उत्पादन के लिए तकनीक को स्थिर मान लिया जाता है।

3.विभाज्य साधन :
➤साधनों को छोटे छोटे भागो में विभाजित किया जा सकता है।

4.कुशल संयोग :
➤दी हुई तकनीक के अंतर्गत साधनों का कुशल प्रयोग किया जाता है।


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