उत्पादन का सिद्धांत, उत्पादन, प्रकार, उत्पादन फलन, परिवार्ती साधन के प्रतिफल (TP,AP,MP) - Theory of Production, Production Function, Variable Factor of Production TP, AP, MP.
Table of Contents 👇🏻👇
- उत्पादन (Production)
- उत्पादन के कारक
- उत्पादन फलन - अल्पकालीन तथा दीर्घकालीन
- परिवर्ती / परिवर्तनशील साधन के प्रतिफल -
- कुल उत्पादन (Total Product)
- औसत उत्पादन (Avarage Product)
- सीमांत उत्पादन (Marginal Product)
उत्पादन का सिद्धांत (Theory of Production)
उत्पादन :🔥
➤फर्म द्वारा उत्पादन के साधनों के प्रयोग से वस्तुओ एवं सेवाओं का निर्माण करना उत्पादन कहलाता है।
➤आवश्यकताओं का सृजन करना उत्पादन कहलाता है।
उत्पादन के कारक :🔥
1. स्थिर कारक -
➤स्थिर कारक वे कारक होते है जो उत्पादन परिवर्तन के साथ परिवर्तित नहीं होते है | उत्पादन के शून्य होने पर भी ये होते है |
➤जैसे - भूमि , मशीन आदि।
2. परिवर्ती कारक -
➤परिवर्ती कारक वे कारक होते है जो उत्पादन में परिवर्तन के साथ परिवर्तित होते है | उत्पादन के शून्य होने पर ये भी शून्य होते है ।
➤जैसे - श्रमिक , कच्चा माल।
उत्पादन फलन :🔥
➤किसी वस्तु के उत्पादन के लिए भूमि, श्रम, पूंजी आदि की आवश्यकता होती है।
➤साधनों तथा उत्पादन में संबंध को उत्पादन फलन कहते है।
➤एक फर्म के भौतिक उत्पादन और उत्पादन के भौतिक कारको के बीच संबंध को उत्पादन फलन कहते है ।
Qx = f ( L,l , K ,E,O )
- Qx = वस्तु X का उत्पादन |
- L = श्रम की मात्रा |
- l = भूमि
- K = पूँजी की मात्रा |
- E = उद्यमी
- O = संगठन
➤यह फलन दर्शाता है की वस्तु X का उत्पादन श्रम ( L ) तथा पूँजी ( K ) पर निर्भर करता है ।
➤उत्पादन बढ़ाने के लिए साधनों में वृद्धि की जाती है। इसके अलावा तकनीक में वृद्धि करके भी उत्पादन बढ़ाया जाता है।
उत्पादन फलन के प्रकार -
1. अल्पकालीन उत्पादन फलन -
➤अल्पकालीन उत्पादन फलन में स्थिर कारक स्थिर होते है तथा उत्पादन को केवल परिवर्ती कारक में वृद्धि करके ही बढ़ाया जाता है।
➤अल्पकाल में किये गए उत्पादन और कारको के बीच फल्नात्मक सम्बन्ध दिखता है।
➤जहा एक कारक स्थिर तथा दूसरा परिवर्ती होता है |
➤अल्पकालीन उत्पादन फलन में परिवर्ती अनुपात का नियम लागु होता है ।
Qx = f ( L , K )
2. दीर्घकालीन उत्पादन फलन-
➤दीर्घकालीन उत्पादन फलन में उत्पादन को परिवर्ती कारक तथा स्थिर कारक में वृद्धि कर उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है ।
➤दीर्घकालीन उत्पादन फलन दीर्घकाल में किये गए उत्पादन और उसके कारको के बीच फल्नात्मक सम्बन्ध दिखता है।
➤जहा दोनों ही कारक परिवर्ती होते है ।
➤दीर्घकालीन उत्पादन फलन में पैमाने के प्रतिफल का नियम लागू होता है |
Qx = f ( L , K )
परिवर्तनशील साधन के प्रतिफल : 🔥
➡️भौतिक उत्पाद -
- कुल भौतिक उत्पाद (TPP - Total Physical Product)
- औसत भौतिक उत्पाद (APP - Average Physical Product)
- सीमांत भौतिक उत्पाद (MPP - Marginal Physical Product)
1. कुल उत्पादन/उत्पाद :
➤उत्पादन प्रक्रिया में प्रयोग हुए परिवर्ती कारक की प्रत्येक इकाई के उत्पादन का कुल जोड़ कुल उत्पाद कहलाता है ।
TP = AP × L
TP = MP का योगफल
➤परिवर्तनशील साधन की मात्रा बढ़ाने से कुल उत्पाद में वृद्धि होती है किंतु समान दर से नहीं होती।
➤आरंभ में कुल उत्पाद बढ़ती दर से बढ़ता है।
➤परिवर्तनशील साधन का प्रयोग अधिक किया जाता है तो कुल उत्पाद कम दर से बढ़ने लगता है।
➤अंततः कुल उत्पाद घटती दर से बढ़ता है।
➤श्रम की OL1 मात्रा से कुल उत्पादन L1Q1 हैं। (बढ़ती दर से वृद्धि)
➤श्रम की OL2 मात्रा से कुल उत्पादन L2Q2 हैं। (कम दर से वृद्धि)
➤श्रम की OL3 मात्रा से कुल उत्पादन L3Q3 हैं। (घटती दर से वृद्धि)
➤Q3 के बाद कुल उत्पाद घटने लगता है।
2. औसत उत्पादन/उत्पाद :
➤श्रम की प्रति इकाई के प्रयोग से प्राप्त उत्पादन को औसत उत्पाद कहते है।
➤उत्पादन प्रक्रिया में परिवर्ती कारक की प्रत्येक इकाई का प्रयोग कर प्राप्त प्रति इकाई उत्पादन को औसत उत्पाद कहा जाता है।
➤इसे कुल उत्पाद को श्रम की इकाई से भाग देकर ज्ञात किया जाता है।
APL = TP / L
- APL = श्रम की औसत भौतिक उत्पाद
- TP = वस्तु की कुल उत्पादन मात्रा
- L = श्रम की प्रयोग की गई इकाई
➤औसत उत्पादन को कुल उत्पाद से व्युत्पादित किया जा सकता है।
➤स्थिर साधन की एक दी हुई मात्रा के साथ जब परिवर्तनशील साधन की मात्रा का प्रयोग बढ़ाया जाता है तो उसका औसत उत्पादन आरंभ में बढ़ता है और फिर उच्चतम सीमा को पहुंच कर घटने लगता है।
➤अतः औसत उत्पाद वक्र अंग्रेजी के अक्षर U के विपरीत आकृति का होता है।
➤जब श्रम OL1 है तो कुल उत्पाद L1Q1 है इस समय औसत उत्पाद L1Q1/OL1 के बराबर होता है।
➤जब श्रम OL2 है तो कुल उत्पाद L2Q2 है इस समय औसत उत्पाद L2Q2/OL2 के बराबर होता है।
➤जब श्रम OL3 है तो कुल उत्पाद L3Q3 है इस समय औसत उत्पाद L3Q3/OL3 के बराबर होता है।
➤जब श्रम OL4 है तो कुल उत्पाद L4Q4 है इस समय औसत उत्पाद L4Q4/OL4 के बराबर होता है।
3. सीमांत उत्पादन/उत्पाद :
➤उत्पादन प्रक्रिया में परिवर्ती कारक की प्रत्येक अतिरिक्त इकाई का प्रयोग कर प्राप्त अतरिक्त उत्पाद को सीमांत उत्पाद कहा जाता है |
MPn = TPn - TPn-1
MPn = ∆TP/∆Q
➤सीमांत उत्पाद को कुल उत्पाद के द्वारा ज्ञात किया जाता है।
➤जब श्रम L1 है तो बिंदु A पर स्पर्श रेखा खींचकर उसकी ढाल से ज्ञात किया जा सकता है।
➤श्रम L2 की स्थिति में कुल उत्पाद के बिंदु B पर स्पर्श रेखा खींचकर उसकी ढाल जाता जा सकता है जिसके बराबर सीमांत उत्पाद होता है।
➤चित्र को देखने से स्पष्ट है कि बिंदु A से बिंदु E तक ढाल बढ़ती है।
➤E बिंदु के बाद इसकी ढाल घटना आरंभ कर देती है।
➤G बिंदु पर ढाल शून्य हो जाता है जहां सीमांत उत्पाद भी शून्य हो जाता है।
➤कुल उत्पाद G बिंदु के बाद नीचे की ओर गिरना आरंभ कर देती है इस स्थिति में इसकी ढाल ऋणात्मक हो जाती है।
➤अतः सीमांत उत्पाद वक्र ऊपर की ओर बढ़ता है एक सीमा के पश्चात यह नीचे को ओर गिरने लगता है।
➤सीमांत उत्पाद वक्र उल्टा U आकार का होता है।