राष्ट्रीय आय की धारणा : अर्थ, महत्व, निर्धारक तत्व (Concept of National Income meaning and Importance.)
राष्ट्रीय आय की धारणा
➤घरेलू आय तथा राष्ट्रीय आय में उत्पादन के साधनों की आय सम्मिलित होती है।
- लगान ➡️ भूमि
- बयाज ➡️ पूंजी
- लाभ ➡️ उद्यमशीलता
- कर्मचारियों का पर श्रमिक (मजदूरी) ➡️ श्रम
➤घरेलू आय अनिवार्य रूप से देश की घरेलू सीमा के अंदर सृजित की जाती है जबकि राष्ट्रीय आय का सृजन विश्व के किसी भी भाग में किया जा सकता है।
➤घरेलू आय का सृजन देश के निवासियों तथा गैर निवासियों दोनों के द्वारा किया जाता है जबकि राष्ट्रीय आय का सृजन केवल देश के निवासियों द्वारा किया जाता है जिन्हें सामान्य निवासी कहा जाता है।
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सामान्य निवासी -
- उस देश में सामान्यतः रहता हो
- जिनकी आर्थिक रूचि उस देश में केंद्रित होती है
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राष्ट्रीय आय का अर्थ :
➤वस्तु एवं सेवाओं का वह प्रवाह जो किसी राष्ट्र को 1 वर्ष के दौरान उपलब्ध होता है।
➤किसी देश में 1 वर्ष की अवधि में उत्पादित सभी वस्तुओं एवं सेवाओं के कुल मौद्रिक मूल्य को राष्ट्रीय आय कहते हैं।
राष्ट्रीय आय के निर्धारक तत्व :
1. उत्पाद प्रविधि तथा प्रौद्योगिकी
2. कीमत का ढांचा
3. पूंजी निर्माण
4. पूंजी की सीमांत क्षमता तथा पूंजी की सीमांत उत्पादकता
5. प्रत्याशाएं
6. मुद्रा बाजार एवं पूंजी बाजार
7. जनसंख्या
8. आय स्टार तथा साहसी की योग्यता
राष्ट्रीय आय का महत्व :
1. प्रति व्यक्ति आय तथा लोगों के जीवन स्तर का अनुमान
2. आर्थिक नीति का निर्धारण
3. आर्थिक प्रवृत्तियों को दिशा निर्देश
4. आर्थिक उन्नति का तुलनात्मक अध्ययन
5. आर्थिक योजनाओं में लक्ष्यों का निर्धारण, बच्चों की प्राप्ति तथा नियोजन की सफलता का अनुमान
6. अर्थव्यवस्था के ढांचे पर प्रकाश
7. उत्पादन के साधन आय की जानकारी
8. पूंजी निर्माण
9. आर्थिक कल्याण का सूचक
10. आर्थिक, सामाजिक एवं वाणिज्यिक विषयों के शोधरत छात्रों के लिए राष्ट्रीय आय के आंकड़े उपयोगी।
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