राष्ट्रीय आय की परिभाषा : प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों की तथा आधुनिक परिभाषाएं ।
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राष्ट्रीय आय की परिभाषा 🔥
राष्ट्रीय आय की परिभाषा :
A. प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों की परिभाषा :🔥
1 ) मार्शल की परिभाषा :
➤किसी देश का श्रम व पूँजी उस देश के प्राकृतिक साधनों पर कार्य करते हुए प्रति वर्ष भौतिक तथा अभौतिक वस्तुओं एवं सभी प्रकार की सेवाओं का एक विशुद्ध योग उत्पन्न करते हैं । यह किसी देश की वास्तविक विशुद्ध वार्षिक आय या आगम अथवा राष्ट्रीय लाभांश है ।
मान्यताएं / विशेषताएँ : -
1. वार्षिक आधार पर गणना।
2. टोट छोटे होंगे सावट को घटाना।
3. NFIA को जोड़ना
4. अपने तथा परिवार या निजी मित्रों हेतु निशुल्क वस्तुओं को ना जोड़ना
आलोचनाएं -
1. सही अनुमान की कठिनाई
2. वह वस्तु है जो बाजार में नहीं बिकता
3. दोहरी गणना की समस्या
2. पिगु की परिभाषा :
➤व्यक्तिगत आय का वह भाग जिसमें विदेशों से प्राप्त साधनाए सम्मिलित होती है तथा मुद्रा द्वारा मापा जाता है।
➤मौद्रिक आय + विदेशों में विनियोग से आए
मान्यताएं -
1. विदेशों में किए गए निवेश से प्राप्त आय को जोड़ना
2. मुद्रा में वहां पर जाने वाली वस्तु को जोड़ना
आलोचनाएं -
1. शंकर ने तथा विरोधाभाषयुक्त
2. केवल मौद्रिक अर्थव्यवस्था में ही लागू
3. फिशर की परिभाषा :
➤राष्ट्रीय आय में वे सेवाएं सम्मिलित की जाती है जो अंतिम उपभोक्ता को प्राप्त होती है चाहे वह वस्तुएं भौतिक व मानवीय वातावरण से प्राप्त हुई हो।
विशेषताएं -
1. उपभोग के आधार पर राष्ट्रीय आय की गणना
2. आर्थिक कल्याण से संबंधित
3. अधिक वैज्ञानिक एवं तर्कपूर्ण
आलोचनाएं -
1. उपभोग का विस्तृत क्षेत्र
2. टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुएं
3. वस्तुओं का हस्तांतरण
B. आधुनिक परिभाषाएं :🔥
1. राष्ट्रीय आय समिति :
राष्ट्रीय आय के अनुमान से बिना डोरी गिनती के एक दी हुई अवधि में उत्पन्न की जाने वाली वस्तुओं व सेवाओं की मात्रा की माप है।
आलोचनाएं -
1. अत्यंत व्यापक परिभाषा
2. व्यवहारिक दृष्टि से राष्ट्रीय आय को मापना कठिन
2. प्रो. साइमन कुजनेट्स :
वस्तुओं एवं सेवाओं की वह विशुद्ध उत्पत्ति जो 1 वर्ष की अवधि में देश की उत्पादन प्रणाली में अंतिम भुगतान के हाथ में पहुंचती है।
आलोचनाएं -
1. व्यवहारिक परिभाषा
2. स्टॉक एवं उपभोक्ता प्रतिशत ज्ञात करना कठिन
3. सैम्युलसन :
राष्ट्रीय आय एक नाम है जो हम एक अर्थव्यवस्था में वस्तुओं एवं सेवाओं के वार्षिक गति के मौद्रिक मैं आपके लिए देते हैं।
निष्कर्ष :
➤किसी देश की राष्ट्रीय आय साधारणतया वहां 1 वर्ष में उत्पादित समस्त वस्तुओं एवं सेवाओं के मूल्य का योग है जिसमें वस्तुओं एवं सेवाओं के उत्पादन हेतु प्रयोग की गई मशीनों एवं पूजा की घिसावट को घटा दिया जाता है तथा विदेशों से प्राप्त विशुद्ध आए जोड़ दिया जाता है।
➤राष्ट्रीय आय किसी देश की 1 वर्ष की या निश्चित समय अवधि की आय हैं।
➤वस्तुओं एवं सेवाओं दोनों के मौद्रिक मूल्य का योग है।
➤ इसमें पूंजी का घिसावट को घटाया जाता है।
➤विदेशों से प्राप्त विशुद्ध जोड़ा जाता है।
➤राष्ट्रीय आय = उपभोग व्यव + निवेश व्याव + सरकारी व्यय + घिसावट + निर्यात एवं आयात का अंतर
➤NI = C + I + G - D + (X - M)