यूलर प्रमेय तथा योगीकरण समस्या (Euler Theorem and Adding up Problem) Notes in Hindi ~ OSG Academy
यूलर प्रमेय तथा योगीकरण समस्या
➤साधनों को सीमांत उत्पादकताओ के बराबर परिश्रमिक देने पर कुल उत्पादन पूर्णतः वितरित हो जाएगा, इसे योगिकरण की समस्या कहा जाता है।
➤मान्यताएं -
- दो साधनों का प्रयोग।
- श्रम के अलावा अन्य साधन स्थिर हो।
➤जहां,
- श्रम की मात्र = a
- पूंजी की मात्रा = b
➤जहां,
- OLMW ➡️ श्रम की सीमांत पुरस्कार
- OLMS ➡️ श्रमिक के उपयोग से कुल सीमांत उत्पादन
- SWM ➡️ शेष पूंजी का ब्याज
➤मान्यताएं -
- पूंजी ➡️ परिवर्तनशील साधन
- श्रम ➡️ स्थिर साधन
➤जहां,
- OK ➡️ संतुलन मात्रा
- KN ➡️ सीमांत उत्पादन = OR (ब्याज दर)
- OKNR ➡️ ब्याज पूंजी पर आय
- RNT ➡️ मजदूरी बिल
- ➤SWM = OKRN ➡️ ब्याज
- ➤TRN = OLMW ➡️ बयाज
विक्सटीड का यूलर प्रमेय
➤फिलिप विक्सटीड ने इस समस्या को गणित के प्रमेय के द्वारा सिद्ध किया और उसे यूलर प्रमेय कहा गया।
- Q = कुल उत्पादन
- a = श्रम
- b = पूंजी
- c = उद्यमी
जहां,
- MPa = श्रम की सीमांत उत्पादन
- MPb = पूंजी की सीमांत उत्पादन
- MPc = उद्यमी की सीमांत उत्पादन
nQ = f (na, nb, nc)
➤यदि उत्पादन फलन प्रथम कोटि का समरूप फलन है तो यूलर प्रमेय के अनुसार यदि विभिन्न साधनों a, b, c को उनकी सीमांत उत्पादकता के अनुसार पुरस्कार दिया जाए तो कुल उत्पादन मात्रा Q पूर्णतः वितरित हो जाएगी।
आलोचनाएं -
- उत्पादन फलन प्रथम कोटि का समरूप फलन नहीं होता।
- पैमाने के बड़े थे या घटते प्रतिफल में नियम लागू ना होना।
विक्सेल, वालरस, बरोम, सेमयूल्सन व हिक्स का समाधान
➤पूर्ण प्रतियोगिता के अंतर्गत दीर्घकाल में फर्म LAC वक्र के निम्नतम बिंदु पर संतुलन में होता है
➤LAC के निम्नतम बिंदु पर कुछ समय के लिए पैमाने के स्थिर प्रतिफल प्राप्त होते हैं।
➤जहां,
- L = श्रम
- K = पूंजी
- w = श्रम की मजदूरी
- r = पूंजी की कीमत
- Q = उत्पादन
उत्पादन का मूल्य = कुल लागत
P • Q = L • w + K • r