Fiscal Policy Uddeshy upkaran vikasshil desho me rajkoshiy Niti ke uddeshy Notes in Hindi

Fiscal Policy (राजकोषीय नीति) - उद्देश्य, उपकरण, विकासशील देशों में राजकोषीय नीति के उद्देश्य Notes in Hindi.

राजकोषीय नीति

Table of Contents 👇🏻👇🏻

  • राजकोषीय नीति
  • राजकोषीय नीति के उद्देश्य
  • राजकोषीय नीति के उपकरण / यंत्र
  • विकासशील / अल्पविकसित देशों में राजकोषीय नीति के उद्देश्य 

राजकोषीय नीति (Fiscal Policy)

राजकोषीय नीति (Fiscal Policy) :

➤सरकार द्वारा बनाई गई वह नीति जिसका संबंध सार्वजनिक आय, व्यय तथा ऋण संबंधी क्रियाओं से होता है वह राजकोषीय नीति कल आता है।

➤इससे कुल मांग को प्रभावित किया जाता है।

➤आर्थिक स्थिरता तथा आर्थिक विकास के लिए इस नीति का प्रयोग किया जाता है।

➤1929 में महामंदी के बाद उसका उपयोग व्यापक रूप से किया जाने लगा।

आर्थर स्मिथीज - राजकोषीय नीति ऐसी नीति है जिसके अंतर्गत सरकार अपने व्यय तथा राजस्व कार्यक्रमों को राष्ट्रीय उत्पादन तथा रोजगार पर अपने अपेक्षित प्रभाव उत्पन्न करने और अनपेक्षित प्रभाव रोकने के लिए प्रयोग करती हैं।

ऑटो अक्स्टिन - यह करो तथा व्यय में परिवर्तन है जिनका लक्ष्य पूर्ण रोजगार तथा कीमत स्तर स्थिरता के अल्पकालीन उद्देश्यों को पूरा करना है।

बाइस तथा निकलस - सरकारी व्यय तथा करो के प्रबंध और सार्वजनिक कार्यों को ऐसे ढंग से संचालन करने से संबंध रखती है कि कुछ निश्चित उद्देश्य पूरे हो जाए।

➤मंदी एवं तेजी की स्थिति में कुल मांग को प्रभावित करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा विवेकाधीन राजकोषीय नीति का निर्धारण किया जाता है।


राजकोषीय नीति के उद्देश्य :

1. आर्थिक स्थिरता ➡️ संकुचित उद्देश्य

इसका तात्पर्य कीमती में स्थिरता करने से है।

2. पुणे रोजगार स्तर पर आर्थिक स्थिरता

3. आर्थिक विकास


विकासशील देशों में राजकोषीय नीति का उपयोग :

1. आर्थिक विकास के लिए आवश्यक वित्तीय साधन जुटाना।

2. उपभोग को नियंत्रित करना।

3. बचत एवं निवेश के उपाय करना।

4. सार्वजनिक निवेश हेतु आर्थिक साधन को जनता से सरकार को हस्तांतरण।

5. निवेश के ढांचे को समुचित रूप से बदलना।

6. आर्थिक विषमताओं को कम करना।

7. कीमत परिवर्तन तथा क्रय शक्ति प्रभाव का नियंत्रण।

8. राष्ट्रीय आय को बढ़ाना, पुनर्वितरण करना।

9. स्फीति का प्रतिकार करना।

10. रोजगार के अवसर बढ़ाना।


राजकोषीय नीति के यंत्र / उपकरण :

1. बजट नीति -  अर्थव्यवस्था पर वांछित प्रभाव डालने तथा अवांछित प्रभाव को कम करने का यंत्र है।

  • अतिरेक बजट ➡️ आय > व्यय ➡️ स्फीति के समय
  • घाटे का बजट ➡️ आय < व्यय ➡️ मंदी के समय

2. कर - कर में होने वाला परिवर्तन आर्थिक क्रियाओं के सामान्य स्तर पर व्यापक प्रभाव डालता है।

3. सार्वजनिक व्यय - यह आय, उत्पादन, रोजगार तथा निवेश पर प्रभाव डालता है।

4. सार्वजनिक ऋण -  यह अर्थव्यवस्था के तरलता को परिवर्तित करके समग्र व्यय को नियोजित करने का प्रयास करता है।


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